Body Revival

World Hypertension Day – आयुर्वेद की 5 जड़ीबूटियां जो ब्लड प्रेशर कंट्रोल करेंगी !

हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन को उच्च रक्तचाप के नाम से भी जाना जाता है।  यह बीमारी आज कल एक आम बीमारी बन गयी है।  लोग इस बीमारी को उतना गंभीर नहीं मानते हैं क्यूंकि यह इतनी आम हो गयी है, किन्तु यह एक गंभीर बीमारी है। वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे इस बीमारी की गंभीरता को समझाने का और लोगों को इसके बारे में जागरूक करने की एक पहल है। आजकल की दौड़ भाग भरी ज़िन्दगी, जीवशैली, खान पान – यह सब इस बीमारी के ज़िम्मेदार हैं। लोग समझते हैं कि सिर्फ दवाइयों से काम चल जाएगा किन्तु दवाइयों के दुष्प्रभावों के बारे में कोई बात नहीं करता है।

 

एनसीबीआई (NCBI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में उच्च रक्तचाप से पीड़ित लगभग 33 प्रतिशत शहरी और 25 प्रतिशत ग्रामीण आबादी हैं। इसमें से 25 प्रतिशत ग्रामीण और 45 प्रतिशत शहरी लोग अपनी उच्च रक्तचाप की समस्या के बारे में अनभिज्ञ हैं। एक बार इस समस्या से पीड़ित होने के बाद, व्यक्ति को जीवन भर दवाइयां लेनी होती हैं, लेकिन इन दवाओं के सेवन से उनके शरीर पर दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।

 

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हाइपरटेंशन के उपाय

हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है।  इस दिन का लक्ष्य है कि लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करना और इस से बचने के उपाय बताना। आइये हम जानते हैं कि आयुर्वेद के अनुसार ऐसी हर्ब्स जिनसे आप हाइपरटेंशन से खुदको व अपने चाहने वाले लोगों को कैसे बचा सकते हैं।

 

अर्जुन कि छाल

 

अर्जुन के पेड़ से प्राप्त होने वाली छाल में विभिन्न औषधीय गुण होते हैं, जिनके द्वारा कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। यह छाल उच्च रक्तचाप को कम करने के साथ-साथ कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करने में सहायक होती है। इसका सेवन कफ दोष को संतुलित करने में मदद करता है। अर्जुन छाल की चाय को नियमित रूप से बनाकर सेवन करने से हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) से राहत मिलती है। आमतौर पर, 3-6 ग्राम अर्जुन छाल का पाउडर लगभग 100 मिलीलीटर पानी के साथ लिया जा सकता है।

 

 

चुकंदर और उसका रस

 

 

चुकंदर में अनेक उपयोगी खनिज और एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जैसे कि नाइट्रेट, पोटैशियम, फाइटोकेमिकल और मैग्नीशियम। चुकंदर के सेवन से रक्तचाप नियंत्रित रहता है। इसमें मौजूद नाइट्रेट हमारे शरीर में पहुंचकर नाइट्रिक ऑक्साइड में परिवर्तित होता है, जो रक्तवाहिकाओं और कोशिकाओं के संचार को सुधारने में सहायक होता है। चुकंदर को रोजाना के भोजन में सलाद के रूप में शामिल किया जा सकता है या इसका रस निकालकर सेवन किया जा सकता है।

 

हाइपरटेंशन के लिए त्रिफला

 

 

त्रिफला एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है, जो शरीर को संतुलित रखने में मदद करती है। इसमें हरड़, आवला और बहेड़ा तीनों औषधियों का मिश्रण होता है। यह रक्त परिसंचरण को सुधारकर रक्तवाहिनियों पर डालने वाले दबाव को कम करती है। रात्रि के खाने के दो घंटे बाद एक चम्मच त्रिफला पाउडर लेना लाभप्रद होता है। इसके अलावा, यह पाचन तंत्र को भी स्वस्थ रखने में मदद करती है, न केवल रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए।

 

अश्वगंधा

 

 

उच्च रक्तचाप के कई कारण होते हैं और इसमें तनाव भी एक मुख्य कारण है। अश्वगंधा इसमें मौजूद औषधीय गुणों के कारण तनाव को कम करने में मदद करती है। इसके सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर होती है। आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह पर आप रोजाना एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर को दूध में मिलाकर सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा, आप गुनगुने गर्म पानी में एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं, जिससे रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है।

 

नीम्बू करता है हाइपरटेंशन दूर

 

 

नींबू उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखने में प्रभावी है। इसमें ऐसे विशेष गुण होते हैं जो रक्त वाहिकाओं को सुपला और मुलायम बनाए रखने में मदद करते हैं। नींबू के रस से ट्राइग्लाइसराइड स्तर कम होता है, इसलिए यह उच्च रक्तचाप वाले मरीजों के लिए फायदेमंद है। आधा नींबू को एक गिलास पानी में निचोड़कर तीन-तीन घंटे में सेवन करने से रक्तचाप संतुलित रहता है। नींबू के रस को चाय या गर्म पानी में मिलाकर सेवन करना भी उच्च रक्तचाप में फायदेमंद होता है।

 

हाइपरटेंशन  में क्या करें, क्या न करें

हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप से पीड़ित रोगियों के लिए क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए, इस पर चर्चा करेंगे।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

इस बात का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है कि सिर्फ हाइपरटेंशन डे पर ही इस बीमारी के बारे में जागरूकता के बारे में बात न करें। हर दिन को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे के जैसे मानना चाहिए और लोगों को इसके बारे में और जागरूक करना चाहिए।

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